शनिवार, 17 नवंबर 2012

नहीं रहे ठाकरे


सिंह की तरह गर्जना करनेवाले बाला साहेब ठाकरे खामोश हो गए हैं..... अपनी दहाड़ से विरोधियों को खामोश कर देनेवाले एकटा टाइगर नहीं रहे.... जैसे ही उनकी मौत की खबर मातोश्री से बाहर आई समर्थकों में चीख पुकार मच गई।  

बाला साहेब पिछले कई दिनों से बीमार थे... बाला साहेब की मौत के बहत्तर घंटे पहले से ही मुंबई बैचेन हो उठी थी....मातोश्री के बाहर शिवसैनिकों का हुजूम उमड़ पडा था.... हर कोई बाला साहेब का हाल चाल जानने को बेताब था।

जैसे ही बाला साहेब ने खाना पीना छोड़ा... मुंबई से लेकर दिल्ली तक की सियासी गलियारों में शोक की लहर फैल गई.... बाला साहेब की सेहत की खबर लेने के लिए मातोश्री में नेताओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया....।

राजनीति के एकटा टाइगर को फिल्मी दुनिया के लोगों से भी खासा प्यार था....और इसी मोहब्बत के चलते बॉलीवुड के नामी गिरामी लोग भी मातोश्री खिंचे चले आए..... शहंशाह अमिताभ बच्चन जब मातोश्री से बाहर निकले तो उन्होने कहा की बाला साहेब को अब लोगों के दुआओं की जरूरत है।

बाला साहेब की सेहत के लिए दुआओं का दौर भी शुरू हुआ.... मुंबई के साथ-साथ महाराष्ट्र के कोने-कोने में यज्ञ हवन होने लगे..... मुंबई से दूर दिल्ली और वाराणसी में भी लोग बाला साहेब के लिए दुआ मांगते नजर आए।

शुक्रवार दोपहर अचानक खबर आई की बाला साहेब की सेहत स्थिर है....ऐसा लगा लोगों की दुआओं का असर हो रहा है..... सेहत स्थिर होने की खबर के बाद भी मातोश्री के बाहर समर्थकों का जमावड़ा लगा रहा.... सब इस इंतजार में थे की बाला साहेब मौत को मात देकर बाहर आएंगे और हाथ हिलाकर अपने सेहतमंद होने की खबर देंगे......लेकिन ऐसा हुआ नहीं....।

अचानक मातोश्री के बाहर हलचलें बढ़ गई.... मीडियाकर्मियों को अपनी जगह से पीछे हटने को कह दिया गया.... मातोश्री की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई....ये सब देख लोगों को एहसास हो गया की सियासत के एकटा टायगर नहीं रहे.... बाला साहेब के डॉक्टर ने बाहर आकर खबर दी...साहेब नहीं रहे।

डॉक्टर की बात सुन शिवसैनिक फूट फूट कर रोने लगे.... मातोश्री के बाहर हजारों की संख्या में जुटे लोगों की आंखे नम हो उठी..... मुंबई जो पिछले बहत्तर घंटे से बेचैन थी और बेचैन हो उठी।

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