मोदी से ही जीत है.... बिन मोदी के हार.....
बीजेपी के सभी दिग्गजों को ये अहसास हो गया होगा.....हिमाचल में सबकुछ था, विकास
की ताबीर थी, भ्रष्टाचार और महंगाई पर कांग्रेस को घेरने का मुद्दा था... नहीं था
तो मोदी जैसा कोई चेहरा....जो पार्टी को जीत के रास्ते पर लेकर जाता....
हिमचाल की बात छोड़ गुजरात वापिस आइए...सियासत
में जीत की हैट्रिक लगाना इतना आसान नहीं होता....जो सियासत समझते हैं, वो इस बात
को अच्छी तरह से जानते हैं। मोदी,
मोदी क्यों है.... इसे समझने के लिए दस साल पहले जाना होगा.... गोधरा दंगे
की आग ठंडी भी नहीं हुई थी की चुनाव सिर पर आ गया... इस बीच तत्कालीन प्रधानमंत्री
अटल बिहारी वाजपेई का वो बयान की मोदी ने राजधर्म नहीं निभाया.... मोदी के लिए
खतरे की घंटी जैसी थी....ऐसा लगा की बीजेपी के पैरों तले जमीन खिसक जाएगी और मोदी
औंधे मुंह गिरेंगे........ लेकिन सियासी पंडितों की भविष्यवाणी धरे के धरे रह
गए.... मोदी ना केवल जीत कर वापिस आए..... बल्कि एक सौ सत्ताइस का वो आंकड़ा भी
हासिल किया....जिसका सपना बीजेपी ने कभी देखा भी नहीं थी...।
हिन्दुस्तान की सियासत में जाती से दिगर जाने की
बात कोई राजनेता सोच भी नहीं सकता.... लेकिन मोदी ने इस रास्ते पर कभी ध्यान हीं
नहीं दिया.... कट्टर हिंदुत्वादी होने के उनपर कई बार आरोप भी लगे लेकिन उन्होने
इस पर भी ध्यान नहीं दिया.... ध्यान दिया तो बस गुजरात के विकास पर....अमेरिका और
ब्रिटेन ने मोदी से मुंह मोड़ रखा था फिर भी मोदी ने गुजरात में विदेशी निवेश का
अंबार लगा दिया....और पांच साल में गुजरात को विकास के पहले पायदन पर पहुंचा
दिया।
दो हजार सात में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी
ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था....गुजरात दंगे की फिर दुहाई दी जा रही थी, नए
सपने दिखाए जा रहे थे, केंद्र में यूपीए सरकार होने का सब्जबाग दिखाया जा रहा
था....लेकिन जनता ने फिर से भरोसा किया तो मोदी पर...उस मोदी पर जिसने गुजरात को
विकास का तोहफा दिया, उस मोदी पर जिसने बेरोजगारी दूर करने के लिए हर संभव कोशिश
की....जिसने गुजरात को हिन्दुस्तान का व्यवसायिक हब बना दिया था।
हम गुजरात नतीजे को मोदी की जीत इसलिए भी कह रहे
हैं क्योंकि बीजेपी में उन नेताओं को तगड़ा झटका लगा है जो पीएम पद के लिए
उम्मीदवार होने का मन ही मन सपना देख रहे होंगे...मोदी जीत का मंत्र हैं, और
लोकसभा चुनाव की कमान भी वहीं संभालेगा जिसके पास जीत का मंत्र होगा, जीत की ताकत
होगी....तो इंतजार कीजिए अब मोदी के दिल्ली आगमन की...क्योंकि खुद बीजेपी में
उन्हें रोकने वाला कोई नहीं, कोई नहीं।
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