आखिर फ्रांस ही क्यों ?
दूसरे विश्वयुद्द के बाद पेरिस में हुआ हमला फ्रांस पर अबतक का सबसे बड़ा हमला है...लेकिन ऐसा पहली बार नहीं है जब इस्लामिक स्टेट और दूसरे आतंकी गुटों ने फ्रांस पर ऐसे हमले किए हों....एक रिपोर्ट की मानें तो 2001 के बाद से अब तक फ्रांस पर 28 हमले हो चुके हैं, इनमें 1000 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं, इसी साल जून में हुआ हमला आप भूले नहीं होंगे जब सेंट क्वेंटिन फैलेवर में गैस फैक्ट्री पर हुए हमले में आतंकी ने एक शख्स का सिर कलम कर दिया था....इसी साल जनवरी में इस्लाम पर एक कार्टून के विरोध में मैगजीन चार्ली हेब्दो के दफ्तर पर भी हमला हुआ था।
रक्षा विशेषज्ञों की मानें तो ये सिर्फ और सिर्फ फ्रांस के इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट की फेल्योर है। फ्रांस में बार-बार हो रहे हमले और मिल रही धमकियों के पीछे कई वजहें हैं..मसलन फ्रांस सीरिया और इराक में अमेरिकी फौज का साथ देता रहा है, इसलिए आईएस उसे निशाना बना रहा है....पूरे यूरोप में फ्रांस में ही सबसे ज्यादा मुस्लिम रहते हैं....ऐसे में आईएस यहां अपना स्लिपर सेल आसानी से एक्टिव कर लेता है....माइग्रेंट्स के जरिए आसानी से गन, एक्सप्लोसिव और हथियारों की सप्लाई भी हो जाती है।
इतिहासकार एस आई हबीब कहते हैं...पिछले दो दशक से जिस तरह से मुस्लिम नौजवानों को बहकाया जा रहा है पेरिस में हुआ ये हमला उसी का नतीजा है। आतंक फैलाने के लिए इस्लामिक स्टेट कई तरह से काम कर रहा है...इराक और सीरिया में तो वो सीधे-सीधे युद्ध कर रहा है तो गुरिल्ला वार के जरिए पेरिस जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहा है।

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