दुनिया के मुसलमान भारत से सीखो
जब-जब दुनिया पर आफत आई, अमन और शांति लहूलुहान हुई, भारत ने ही राह दिखाई है...इस्लामिक स्टेट और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों की मुखालफत के लिए भी भारत एक बार फिर विश्व गुरु बनने की राह पर है।
मदनी और दूसरे तमाम मुसलमानों की आवाज़ एक आगाज़ है....उन दहशतगर्दों के खिलाफ जिनसे इस्लाम बदनाम हो रहा है.......उन दहशतगर्दों के खिलाफ जो पेरिस से लेकर कश्मीर तक मासूम इंसानों का कत्ल कर रहे हैं....सीरिया और इराक की ज़मीन को दोज़ख़ बना रहे हैं...उसी सोच और आतंक के खिलाफ हिन्दुस्तान में 100 जगह इस्लामिक स्टेट की मुखालफत में उठी आवाज़ बिसमिल्लाह है।
ओबामा ने तुर्की में जो सवाल उठाए...उस सवाल का जवाब तो सदियों से देता आया है हिन्दुस्तान। राम और रहीम, बुद्ध और महावीर की इस धरती से दुनिया को हमेशा मोहब्बत का पैगाम ही तो मिला है...जरा समझिए पेरिस के इस बच्चे और पिता को...आपको बुद्ध और गांधी की सीख याद आएगी।
पिता- क्या तुम्हें पता है उन्होंने हम पर हमला क्यों किया ?
बच्चा- हां, क्योंकि वे बहुत निर्दयी हैं, बुरे लोग अच्छे नहीं होते, हमें सावधान रहना होगा, क्योंकि हमें अपना घर भी बदलना होगा!
पिता- चिंता मत करो, हमें अपना घर नहीं बदलना होगा, फ्रांस ही हमारा घर है।
बच्चा-उनके पास बंदूकें हैं, वे हमें गोली मार सकते हैं, क्योंकि वे बहुत-बहुत बुरे लोग हैं डैडी।
पिता- कोई बात नहीं, उनके पास बंदूकें होंगी लेकिन हमारे पास फूल है।
बच्चा- लेकिन फूल कुछ नहीं कर सकते। वे सिर्फ...वे सिर्फ...
पिता- बिल्कुल करते हैं, देखो, सब लोग फूल चढ़ा रहे हैं। ये बंदूकों के खिलाफ लड़ने के लिए है।
बच्चा- क्या यह सुरक्षा करने के लिए है ? और मोमबत्तियां भी ?
पिता- हां
ये भारत की ही तो सीख है...बंदूक का जवाब बंदूक नहीं दिल को छू लेनेवाली सच की आवाज़ है...अब एंटोइन लेइरिस का एक मैसेज देखिए जिसकी पत्नी को आईएस के लड़ाकों ने मार डाला
शुक्रवार रात तुम लोगों ने मेरी जिंदगी से एक बेमिसाल व्यक्ति को अलग कर दिया, मेरी जिंदगी का प्यार और मेरे बेटे की मां....लेकिन इसके बावजूद तुम मेरी नफरत के हकदार नहीं हो...मैं नहीं जानता कि तुम कौन हो ? मैं जानना भी नहीं चाहता । मैं नफरत करने का तोहफा भी तुम्हें नहीं दूंगा, क्योंकि गुस्से के साथ नफरत करने का भाव मुझे भी तुम्हारे जैसा बना देगा। तुम मुझे डराना चाहते हो, लेकिन तुम्हें हारना पड़ेगा एंटोइन लेइरिस को अपने अंतर्मन की ताकत का अहसास है...और इस पिता को भी....दोनों जानते हैं...नफरत से नफरत खत्म नहीं होगी....इसके लिए भारत से उठ रही हज़ारो-हज़ार मुसलमानों की आवाज़ सुननी होगी...जो कह रहे हैं...उठो इस्लाम के खिदमदगारों और खत्म करो इस दुनिया से दहशतगर्दी की सोच को जिससे पाक कुरान की परिभाषा पर सवाल उठते हैं...जिससे इस्लाम पर सवाल उठते हैं।

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