गुरुवार, 19 नवंबर 2015

 राम और रावण की रेस


रेस में हमेशा एथलीट ही भाग नहीं लेते...इस बार रेस है राम और रावण के बीच...एक तरफ बगदादी जैसा रावण है तो दूसरी तरफ प्रधानमंत्री मोदी, गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई, आरआईएल के चेयरमैन मुकेश अंबानी, अमेरिका और चीन के राष्ट्रपति जो अपने-अपने क्षेत्र के दिग्गज हैं।

टाइम मैगजीन के पर्सन ऑफ द ईयर-2015 की रेस में बगदादी के शामिल होने से इसका रोमांच बढ़ गया है...और हर कोई इंतजार कर रहा है कि इस रेस में जीत किसकी होगी...राम की या फिर रावण की।

बगदादी आज का रावण है....जिसने पेरिस में आग लगाई, जिसके वजूद से सीरिया और इराक की धरती झुलस उठी है....जिसने दुनिया को विश्वयुद्ध के कगार पर पहुंचा दिया, जिसने मानवता के विनाश की कसम खाई है..। ऐसे रावण के साथ रेस में शामिल हैं...वो लोग जो विश्व शांति के लिए संघर्ष कर रहे हैं...जो निर्माण कर रहे हैं....जो विकास की नई गाथा लिख रहे हैं। दरअसल टाइम मैगजीन अपने पर्सन ऑफ द ईयर के दावेदारों की लिस्ट में उन लोगों को रखती है जो अच्छे या बुरे वजहों से सालभर खबरों में रहे ..बगदादी भी इस पैमाने की वजह से दौड़ में शामिल हैं ..
पर्सन ऑफ द इयर की रेस में जो भारतीय शामिल है, आइए बताते हैं उनके बारे में क्या लिखा गया है
नरेंद्र मोदी
दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता हैं जो इसे मॉर्डन बनाने में जुटे हैं। एफडीआई को भारत में लाने की कोशिश कर रहे हैं.
मुकेश अंबानी
भारत के सबसे अमीर बिजनेसमैन.. रिलाइंस इंडस्‍ट्रीज के चेयरमैन हैं। रिलाइंस इंडस्‍ट्रीज के पास टेलिकॉम प्रॉपर्टी से लेकर दुनिया की सबसे बड़ी ऑयल रिफाइनरी तक है
सुंदर पिचाई
करीब 11 साल तक गूगल में गुजारने के बाद लैरी पेज के राइट हैंड रहे पिचाई को अब गूगल का सीईओ बनाया गया है।

इन लोगों के अलावा अमेरिकी राष्‍ट्रपति बराक ओबामा, फ्रांस के राष्‍ट्रपति फ्रांस्‍वा ओलांद, चीनी राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग, अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन, पाकिस्तान की नोबेल अवॉर्ड विनर मलाला यूसुफजई भी शामिल हैं।
अभी तक रीडर्स पोल के जो नतीजे आए हैं उसके मुताबिक अब तक मोदी को 1.3 फीसदी वोट मिले हैं...और इतने ही वोट रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और सुंदर पिचाई को भी मिले हैं.।
अब देखना ये है कि बगदादी की वजह से दिलचस्प हुए इस रेस को आखिरकार कौन जीतता है।

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